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मंगलवार, 2 जून 2015

*शहर के मोहल्लों के नामकरण*

शहर की तारीख पर लिखी कुछ किताबो यथा 'अनवर-उल-बहर','तारीख-ए-मति','नाम-ए-मुजफर्रि','शाहजहाँपुर गजेटियर',एन.सी.मेहरोत्रा कृत 'शाहजहाँपुर का इतिहास' से शहर के कमोबेश सभी मोहल्लों के नामकरण की जानकारी मिलती है।इनमे से कई बेहद रोचक है,अवलोकनार्थ प्रस्तुत है।
1.शहर को अपना वतन बनाने के बाद 52 अफगान काबिले आये उनके नाम पर एमनजई,नसरतजई,जियाखेल,बाडूजई,हुण्डालखेल,अलीजई,बंगश,महमंद इत्यादि।
2.नवाब बहादुर खान के नाम पर बहादुरगंज,उनके बेटे दिलावर खान,हुसैनखान,दिलेर खा,फतेह खा के नाम पर दिलवारगंज,हुसैनपुरा,फतेहगंज (जहाँ बाद में चुंगी भी बनी),इत्यादि।परिवार के अहमदखा,मिश्री खा के नाम पर अहमदपुर,मिश्रीपुर।इत्यादि
3.दिलेर खा की फौज के अफसर शाहबाज खा,लोधी खा के नाम पर शाहबाज नगर,लोधीपुर,दीवान घूरन खान,ख्वाजा फिरोज,रौशनइस्पात खान,गौहर शाह के नाम पर घूरन तालिय्या,रौशनगंज,गौहरपुर।इत्यादि
4.पेशे के नाम पर-बक्सरिया राजपूतो का इलाका बक्सरिया,नवाबो के भांड का इलाका भाटन टोला।इत्यादि
5.व्यवस्था के आधार पर-हाथी बांधने का स्थान हाथीथान।इत्यादि
6.खिरनिबाग में एक लाख से ज्यादा खिन्नी के पेड थे।इन्हें कटवाकर बहादुरगजं की स्थापना।
7.सरायकाइया-जैन धर्म के लोगो की सराय थी।जो बहुत काइया प्रवत्ति के थे।
8.पुत्तू लाल गुप्ता,नगर पालिका के वरिष्ठ सदस्य थे।उनका निधन 1950 में हुआ था,उनके नाम पर पुत्तू लाल चौराहा।
9.रंगीनचौपाल-अफगान कबीलो की शादी बारात अक्सर यही सम्पन होती थी।चौपाल रंग बिरंगे रंगो से सजाई जाती थी।

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