(आमिर खुर्शीद मलिक)एक
हिंदी दैनिक में 15 जुलाई 1990 ई0 को एक लेखक की पहली बाल कविता ‘आमों का
मौसम’ प्रकाशित हुई । पहली ही रचना में शब्दों और भावों के मनमोहक संयोजन
से यह रचनाकार पारखियों की नज़र में चढ़ गया । धीरे-धीरे देश भर की प्रमुख
पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 550 कहानी,कविता,एकांकी,चित्र-पहेली, लघुकथा,
साक्षात्कार, संस्मरण, समीक्षा, आलेख आदि प्रकाशित हो गए। एक साथ विभिन्न
विधाओं में सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने वाले इस रचनाकार को हम सब डॉ0
मोहम्मद साजिद ख़ान के नाम से जानते हैं । जी0 एफ़0 (पी0जी0) कॉलेज,
शाहजहाँपुर के हिन्दी-विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर (सीनियर) के पद पर
कार्यरत डॉ0 मोहम्मद साजिद ख़ान की रचनाये बाल साहित्य एवं तरुण साहित्य के
क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बखूबी दर्ज करा रही है । विभिन्न साहित्यिक एवं
बाल-साहित्य की संगोष्ठियों एवं सेमिनारों में उनकी सक्रियता देखने को
मिलती रहती हैं । वहीँ ‘बीसवीं शताब्दी की हिन्दी कहानी में
मुस्लिम-संस्कृति’ विषय पर शोध-प्रबंध एवं ‘आधुनिक भावबोध और संजीव की
कहानियाँ’ पर लघु शोध-प्रंबंध उनकी विशिष्ठ उपलब्धि रही है ।
हंस (नई दिल्ली), वागर्थ (भारतीय भाषा परिषद,कोलकाता), कथादेश (नई दिल्ली), भाषा (केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय उच्चतर शिक्षा-विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली), उत्तर प्रदेश (सू0 एवं जनसंपर्क-विभाग, उ0प्र0), साक्षात्कानर, (साहित्यल अकादमी, मध्य( प्रदेश संस्कृति मंत्रालय, भोपाल) समाज कल्याण (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली), गगनांचल (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली) अहल्या (दक्षिण भारत, हैदराबाद), प्रज्ञा साहित्य (लखनऊ), विज्ञान प्रगति (नई दिल्ली), नालंदा दर्पण (बिहार), जगमग दीप ज्योति (राजस्थान), अणुव्रत (नई दिल्ली), वंचित टाइम्स (रामपुर), अनुराग बाल पत्रिका (लखनऊ), तितली (बरेली), कत्यूरी मानसरोवर (अल्मोड़ा, उत्तरांचल), बालबगिया (विज्ञान, लखनऊ), पाठक मंच बुलेटिन (नई दिल्ली), साक्षरता संवाद (नई दिल्ली), वेणी (फ़ैज़ाबाद), पारिजात (बाराबंकी), राष्ट्रधर्म (लखनऊ), संस्मृति सुधा (गोरखपुर), फिल्मी दुनिया (नई दिल्ली), बालहंस (राजस्थान), बाल भारती (सू0प्र0 मंत्रालय, नई दिल्ली), सुमन सौरभ (दिल्ली प्रेस, नई दिल्ली), चंपक (उक्त), सरस सलिल (उक्त), नंदन (नई दिल्ली), मधु मुस्कान (नई दिल्ली), टिंकल (मुम्बई), समझ झरोखा (भोपाल), देवपुत्र (इंदौर), लोटपोट (नई दिल्ली), बाल वाटिका (भीलवाड़ा,राजस्थान), बच्चों का देश (जयपुर), चकमक (भोपाल), डोहड़ी (म0 प्र0), बाल दर्शन (कानपुर), जैसी अनगिनत पत्रिकाओं में हम सबने उनको पढ़ा है ।
हिन्दुस्तान (नई दिल्ली, लखनऊ), अमर उजाला (मेरठ, बरेली), नेशनल दुनिया (नई दिल्लीई), स्वतंत्र भारत (लखनऊ), दैनिक जागरण (कानपुर), जनसंदेश (मध्यीप्रदेश), कुबेर टाइम्स (नई दिल्ली), आज (नई दिल्ली), राष्ट्रीय सहारा (नई दिल्ली, लखनऊ), जनमोर्चा (फ़ैज़ाबाद), जनसत्ता (लखनऊ, नई दिल्ली), इतवारी पत्रिका (राजस्थान), राजस्थान पत्रिका (राजस्थान), नेशनल दुनिया (नई दिल्ली ), अक्षर भारत (नई दिल्ली), बच्चे और आप (लखनऊ), इत्यादि समाचारपत्रों ने समय समय पर उनकी रचनाओं को छापा है ।
उनकी बाल साहित्य की प्रकाशित पुस्तकों में ‘छपछैया’ (काव्य-संग्रह), ‘मन का रिश्ता’(पुरस्कृत, कहानी-संग्रह) ,‘अल्लू’ (पुरस्कृत, बाल-उपन्यास), ‘रहमत चचा का घोड़ा’(पुरस्कृत, कहानी-संग्रह) , ‘तुम ख़ूब बड़े बनोगे’ (विज्ञान-कथाएँ) ,‘यादें बचपन की’(आत्मसंस्मरण) ‘सब्ज़ी-सभा (बाल एकांकी-संग्रह) ,चाकलेट’(प्रकाशनार्थ स्वीकृत, कहानी-संग्रह) प्रमुख है । तरुण साहित्य में ‘अपना मुकाम’ , ‘उजाले की राह’ , आवृत्तियाँ , ‘हाय पकवान’ (नाटक) ‘उड़ान’ (कथा) प्रमुख पुस्तकें हैं ।
उन्होंने ‘सहज मानवीय संवेदनाओं का वाहक: रैक्व’, ‘निर्मला पुतुल की कविताएँ : स्त्री-चेतना की संथाली दस्तक’तथा ‘विज्ञापन: संप्रेषण कौशल का प्रमुख तंत्र’विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत किये हैं । उनके निर्देशन में ‘शाहजहाँपुर में मुक्तछंद कविता का विकास और शिल्प’, ‘शाहजहाँपुर का बालसाहित्य-सृजन : एक विवेचन’, ‘डॉ0 शकुंतला कालरा की बाल-कविताएँ: प्रवृत्यात्मक विश्लेषण’, ‘शाहजहाँपुर परिक्षेत्र की बोलियाँ: एक अध्ययन’, ‘आधुनिक भाव-बोध और डॉ0 दिविक रमेश का बालकाव्य’विषय पर शोध हो चुके हैं ।उन्होंने ‘बाल-साहित्य में नव लेखन’ (उ0 प्र0 हिन्दी संस्थान एवं तस्लीम, लखनऊ) राष्ट्रीय संगोष्ठी में सक्रीय प्रतिभाग किया । राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘भारतीयता का प्रश्न और राही मासूम रज़ा’ (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली) में आयोजन समिति के सदस्य के दायित्व को सफलतापूर्वक संभाला । राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘ब्लाग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार’(राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, ) में एवं टीम फॉर साइंटिफिक अवेयरनेस ऑन लोकल इश्यू‘ज इन इंडियन मॉसेज ‘तस्ली्म’, लखनउ, में विषय-विशेषज्ञ के रूप में साजिद खान की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। ‘बाल साहित्य की दशा और दिशा विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बाल कहानी का पाठ साजिद ख़ान ने किया । उनकी कहानी ‘नज़रों से दूर’ नई राष्ट्रीय शिक्षा-नीति पर आधारित आधुनिक हिन्दी-शिक्षण की कक्षा-2 की हिन्दी पाठ्य पुस्तक ‘नवलय’ में सम्मिलित की गई है। इसके अतिरिक्त उनकी कविता ‘नई राह पाना है’ राष्ट्रीय तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद के नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित कक्षा-6 की पाठ्य-पुस्तक-‘व्यवहारिक हिंदी व्याकरण तथा रचना’ में सम्मिलित हुई है ।
डॉ0 मोहम्मद साजिद ख़ान के योगदान को अनेकों सम्मानों से समय-समय पर नवाज़ा गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘मार्मिक बाल कहानियाँ भाग- 1’ के मौलिक लेखन हेतु वर्ष 2000 का राष्ट्रीय भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार , केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा- ‘रहमत चचा का घोड़ा’ (कथा संग्रह) के मौलिक लेखन हेतु वर्ष 2008 का राष्ट्रीय भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार (द्वितीय), ‘बालकन जी बारी इण्टरनेशनल’, नई दिल्ली द्वारा ‘राष्ट्रीय युवा कवि एवार्ड’ प्रदान किया गया । ‘नागरी बाल साहित्य संस्थान’ बलिया द्वारा 17वें बाल-साहित्यकार सम्मान समारोह में बाल-साहित्य की विशिष्ट सेवाओं हेतु सम्मानित,प्रगतिशील साहित्यिक मंच’ बाराबंकी द्वारा सम्मानित , ‘अरविंद पुस्तकालय’ रुदौली द्वारा नागरिक अभिनंदन, ‘बाल प्रहरी’ (उत्तरांचल) द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मान समारोह-2006’ में उत्कृष्ट बाल-साहित्य सृजन हेतु ‘काव्य श्री’ की उपाधि,‘अल्लू’ (बाल उपन्यास) पर चित्तौड़गढ़ राजस्थान में ‘सोहन लाल द्विवेदी बाल साहित्य पुरस्कार-2006’,‘अपराजिता ओआरजीडॉटकाम’ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय-कहानी-प्रतियोगिता में ‘ईश्वर’ कहानी पुरस्कृत, ‘यादें बचपन की’ (संस्म रण) ‘बाल वाटिका’ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता में संस्मररण विधा के लिए पुरस्कृात, ‘कथादेश’ पत्रिका द्वारा अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-2013 में लघुकथा- ‘विमर्श’ पुरस्कृत की गई । हम डा. मोहम्मद साजिद ख़ान के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं ।
हंस (नई दिल्ली), वागर्थ (भारतीय भाषा परिषद,कोलकाता), कथादेश (नई दिल्ली), भाषा (केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय उच्चतर शिक्षा-विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली), उत्तर प्रदेश (सू0 एवं जनसंपर्क-विभाग, उ0प्र0), साक्षात्कानर, (साहित्यल अकादमी, मध्य( प्रदेश संस्कृति मंत्रालय, भोपाल) समाज कल्याण (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली), गगनांचल (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली) अहल्या (दक्षिण भारत, हैदराबाद), प्रज्ञा साहित्य (लखनऊ), विज्ञान प्रगति (नई दिल्ली), नालंदा दर्पण (बिहार), जगमग दीप ज्योति (राजस्थान), अणुव्रत (नई दिल्ली), वंचित टाइम्स (रामपुर), अनुराग बाल पत्रिका (लखनऊ), तितली (बरेली), कत्यूरी मानसरोवर (अल्मोड़ा, उत्तरांचल), बालबगिया (विज्ञान, लखनऊ), पाठक मंच बुलेटिन (नई दिल्ली), साक्षरता संवाद (नई दिल्ली), वेणी (फ़ैज़ाबाद), पारिजात (बाराबंकी), राष्ट्रधर्म (लखनऊ), संस्मृति सुधा (गोरखपुर), फिल्मी दुनिया (नई दिल्ली), बालहंस (राजस्थान), बाल भारती (सू0प्र0 मंत्रालय, नई दिल्ली), सुमन सौरभ (दिल्ली प्रेस, नई दिल्ली), चंपक (उक्त), सरस सलिल (उक्त), नंदन (नई दिल्ली), मधु मुस्कान (नई दिल्ली), टिंकल (मुम्बई), समझ झरोखा (भोपाल), देवपुत्र (इंदौर), लोटपोट (नई दिल्ली), बाल वाटिका (भीलवाड़ा,राजस्थान), बच्चों का देश (जयपुर), चकमक (भोपाल), डोहड़ी (म0 प्र0), बाल दर्शन (कानपुर), जैसी अनगिनत पत्रिकाओं में हम सबने उनको पढ़ा है ।
हिन्दुस्तान (नई दिल्ली, लखनऊ), अमर उजाला (मेरठ, बरेली), नेशनल दुनिया (नई दिल्लीई), स्वतंत्र भारत (लखनऊ), दैनिक जागरण (कानपुर), जनसंदेश (मध्यीप्रदेश), कुबेर टाइम्स (नई दिल्ली), आज (नई दिल्ली), राष्ट्रीय सहारा (नई दिल्ली, लखनऊ), जनमोर्चा (फ़ैज़ाबाद), जनसत्ता (लखनऊ, नई दिल्ली), इतवारी पत्रिका (राजस्थान), राजस्थान पत्रिका (राजस्थान), नेशनल दुनिया (नई दिल्ली ), अक्षर भारत (नई दिल्ली), बच्चे और आप (लखनऊ), इत्यादि समाचारपत्रों ने समय समय पर उनकी रचनाओं को छापा है ।
उनकी बाल साहित्य की प्रकाशित पुस्तकों में ‘छपछैया’ (काव्य-संग्रह), ‘मन का रिश्ता’(पुरस्कृत, कहानी-संग्रह) ,‘अल्लू’ (पुरस्कृत, बाल-उपन्यास), ‘रहमत चचा का घोड़ा’(पुरस्कृत, कहानी-संग्रह) , ‘तुम ख़ूब बड़े बनोगे’ (विज्ञान-कथाएँ) ,‘यादें बचपन की’(आत्मसंस्मरण) ‘सब्ज़ी-सभा (बाल एकांकी-संग्रह) ,चाकलेट’(प्रकाशनार्थ स्वीकृत, कहानी-संग्रह) प्रमुख है । तरुण साहित्य में ‘अपना मुकाम’ , ‘उजाले की राह’ , आवृत्तियाँ , ‘हाय पकवान’ (नाटक) ‘उड़ान’ (कथा) प्रमुख पुस्तकें हैं ।
उन्होंने ‘सहज मानवीय संवेदनाओं का वाहक: रैक्व’, ‘निर्मला पुतुल की कविताएँ : स्त्री-चेतना की संथाली दस्तक’तथा ‘विज्ञापन: संप्रेषण कौशल का प्रमुख तंत्र’विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत किये हैं । उनके निर्देशन में ‘शाहजहाँपुर में मुक्तछंद कविता का विकास और शिल्प’, ‘शाहजहाँपुर का बालसाहित्य-सृजन : एक विवेचन’, ‘डॉ0 शकुंतला कालरा की बाल-कविताएँ: प्रवृत्यात्मक विश्लेषण’, ‘शाहजहाँपुर परिक्षेत्र की बोलियाँ: एक अध्ययन’, ‘आधुनिक भाव-बोध और डॉ0 दिविक रमेश का बालकाव्य’विषय पर शोध हो चुके हैं ।उन्होंने ‘बाल-साहित्य में नव लेखन’ (उ0 प्र0 हिन्दी संस्थान एवं तस्लीम, लखनऊ) राष्ट्रीय संगोष्ठी में सक्रीय प्रतिभाग किया । राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘भारतीयता का प्रश्न और राही मासूम रज़ा’ (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली) में आयोजन समिति के सदस्य के दायित्व को सफलतापूर्वक संभाला । राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘ब्लाग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार’(राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, ) में एवं टीम फॉर साइंटिफिक अवेयरनेस ऑन लोकल इश्यू‘ज इन इंडियन मॉसेज ‘तस्ली्म’, लखनउ, में विषय-विशेषज्ञ के रूप में साजिद खान की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। ‘बाल साहित्य की दशा और दिशा विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बाल कहानी का पाठ साजिद ख़ान ने किया । उनकी कहानी ‘नज़रों से दूर’ नई राष्ट्रीय शिक्षा-नीति पर आधारित आधुनिक हिन्दी-शिक्षण की कक्षा-2 की हिन्दी पाठ्य पुस्तक ‘नवलय’ में सम्मिलित की गई है। इसके अतिरिक्त उनकी कविता ‘नई राह पाना है’ राष्ट्रीय तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद के नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित कक्षा-6 की पाठ्य-पुस्तक-‘व्यवहारिक हिंदी व्याकरण तथा रचना’ में सम्मिलित हुई है ।
डॉ0 मोहम्मद साजिद ख़ान के योगदान को अनेकों सम्मानों से समय-समय पर नवाज़ा गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘मार्मिक बाल कहानियाँ भाग- 1’ के मौलिक लेखन हेतु वर्ष 2000 का राष्ट्रीय भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार , केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा- ‘रहमत चचा का घोड़ा’ (कथा संग्रह) के मौलिक लेखन हेतु वर्ष 2008 का राष्ट्रीय भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार (द्वितीय), ‘बालकन जी बारी इण्टरनेशनल’, नई दिल्ली द्वारा ‘राष्ट्रीय युवा कवि एवार्ड’ प्रदान किया गया । ‘नागरी बाल साहित्य संस्थान’ बलिया द्वारा 17वें बाल-साहित्यकार सम्मान समारोह में बाल-साहित्य की विशिष्ट सेवाओं हेतु सम्मानित,प्रगतिशील साहित्यिक मंच’ बाराबंकी द्वारा सम्मानित , ‘अरविंद पुस्तकालय’ रुदौली द्वारा नागरिक अभिनंदन, ‘बाल प्रहरी’ (उत्तरांचल) द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मान समारोह-2006’ में उत्कृष्ट बाल-साहित्य सृजन हेतु ‘काव्य श्री’ की उपाधि,‘अल्लू’ (बाल उपन्यास) पर चित्तौड़गढ़ राजस्थान में ‘सोहन लाल द्विवेदी बाल साहित्य पुरस्कार-2006’,‘अपराजिता ओआरजीडॉटकाम’ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय-कहानी-प्रतियोगिता में ‘ईश्वर’ कहानी पुरस्कृत, ‘यादें बचपन की’ (संस्म रण) ‘बाल वाटिका’ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता में संस्मररण विधा के लिए पुरस्कृात, ‘कथादेश’ पत्रिका द्वारा अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-2013 में लघुकथा- ‘विमर्श’ पुरस्कृत की गई । हम डा. मोहम्मद साजिद ख़ान के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं ।