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रविवार, 31 मई 2015

नेचर : एक सार्थक पहल

प्राकृतिक आपदाए हमें अहसास कराती है कि मानव और प्रकृति के मध्य सबकुछ ठीक नही चल रहा।वस्तुत मानव ने अपनी स्वार्थ परायणता के चलते जल जंगल जमीन को दूषित कर दिया है।नैसर्गिक सम्पदा पर सभी जीव जन्तुओ का भी उतना ही अधिकार है जितना मानव का।हमें प्रयास करना होगा प्राकृतिक ऋणों से उत्कीर्ण होने का।
'शाहजहाँपुर सिटीजन'की मुहीम 'नेचर' वस्तुतः एक सुखद शुभारम्भ है।कल के भूकंप के बाद अब विचार कर कुछ करने का समय है।आइये इस मुहीम से जुडे और प्रकृति के प्रति अपनी सांत्वना प्रकट करे।
नेपाल त्रासदी में दिवंगत समस्त नागरिको के प्रति श्रधांजलि अर्पित करते हुए।
डॉ शालीन कुमार सिंह
(एस.एस.कालेज)
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