इस नए भवन का निर्माण सन् 1930 में हुआ।यदयपि शाहजहाँपुर 1813 में ही जिला बन चुका था और तभी कचहरी आस्तित्व मे आई।इतिहासकार डा. एन. सी. मेहरोत्रा अपनी पुस्तक 'शाहजहाँपुर का इतिहास 'में म्यूटिनी रिकार्डस का हवाला देते हुए लिखते है कि 1857 के विद्रोह के समय यहाँ(कचहरी)पर एक बाबू स्मिथ की हत्या कर दी गयी थी।भवन का लोकार्पण मिस्टर आर. सी.ओबर्ट (डी. एम.)द्वारा 15मार्च 1931 मे किया गया।भवन की जालियों मे यूनियन जैक के निशान स्पष्टः देखे जा सकते है।15अगस्त 1947 को तत्कालीन जिलाधिकारी जगन्नाथ प्रसाद त्रिपाठी जी की धर्म पत्नी श्री मति भागिरथी देवी द्वारा यहाँ एक स्वतंत्रता का वृक्ष रोपा गया, जो अब बहुत बड़ा हो गया है। (विकास खुराना)
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